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Showing posts from January, 2025

नारी शिक्षा/ Women education

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 नारी शिक्षा/ Women education   हमारी समाज में सबसे ज्यादा प्रभाव एक। एक औरत के पढ़े लिखे होने से पड़ता है। क्योंकि एक पढ़ी-लिखी औरत समझदार होती है वह जानती है कि उसके और उसके परिवार के लिए क्या बेहतर है? वो अपने खुद के लिए सही फैसले कर सकती है। एक पढ़ी-लिखी औरत अपने घर वालों के साथ साथ। समाज के लिए क्या बेहतर है । उसे भी जानती है। एक औरत के पढ़े लिखे होने से समझ पर भी बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। एक पढ़ी-लिखी औरत पूरे समाज को सुधार सकती है। एक औरत के पढ़े लिखे होने से उसकी पूरी नस्लें सुधर जाती है। एक पढ़ी-लिखी औरत की नस्ल में कामयाब लोग पैदा होते हैं।  समाज पर पुरुषों के पढ़े लिखे होने का उतना असर नहीं पड़ता है जितना एक औरत के पढ़े लिखे होने से पड़ता है क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि एक लड़का कितना भी पढ़ ले लेकिन उस पर कहीं ना कहीं उस वातावरण का असर जरूर पड़ता है जहां वह पल्ला बना है? आज हमारे देश की बेटियों ने हर ऊंचे से ऊंचे मुकाम पर अपना परचम लहराया है। आज हमारे देश की बेटियां। IAS OFFICER, IPS OFFICER, PCS OFFICER, DOCTOR,ENGEENIER जैसी और भी काफी बड़ी बड़ी पोस्ट ...

Kuch batein

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 कुछ बातें लग जाती हैं दिल पर हर मज़ाक में बोली हुई बात मज़ाक नहीं होती है  - Aiman moin raza

Keemti

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  तुम संभाल कर रखना मुझे  सुना है अक्सर खो देते हैं लोग कीमती चीजें आम समझकर। - Aiman moin raza 

Love

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 होगा तुझे एहसास मेरी मोहब्बत का मुझे खोने के बाद  आएगी याद तुझे बाते मेरी मेरे ना होने के बाद... -Aiman Moin raza 

Saadgi

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 कैसा ना हो कोई फिदा उस पर  वो तो सादगी में भी बेइंतेहा हसीं लगती है । —Aiman moin raza 

Ankhein

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 तुम भी क्या कहर ढाती हो  एक तो ग़ज़ब हैं आंखे तुम्हारी  उस पर भी तुम काजल लगाती हो। —Aiman Moin Raza 

Love shayri

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  जो उम्र बाकी हैं उसे तेरे साथ में गुजारना चाहता हूं  लोग मिसाल दें मेरे इश्क़ की  ऐसा इश्क़ मैं तुमसे करना चाहता हूं। —Aiman Moin Raza 

जिंदगी एक आईना

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जिंदगी एक आईना   जिंदगी एक सच्चा आईना है जो हमें हर वक्त खुद से रूबरू कराता है जिंदगी एक ऐसा आईना है जो गौर करने पर हमें हमारी गलतियों से और हमारी अच्छाइयों से रूबरू कराता है जिंदगी का सिर्फ एक ही मकसद होता है। इंसान को उसकी खूबियां और खामियाँ बताना असल में तो इंसान दूसरों में खामियाँ तलाश करने में माहिर होता है लेकिन जब जिंदगी का वह आईना उसे उसकी गलतियों और खामियों को दिखता है तब वह इंसान नजरें चुरा जाता है पता है क्यों क्योंकि उसे लगता है। वो हर चिज में माहिर है उसमें कोई खामी नहीं है और उसकी तो हर चिज में खूबी मौजूद है और सामने वाला इंसान खामियां से भरा हुआ है उस में तो कोई खूबी है ही नहीं और अगर होगी भी तो मुझे तो नजर नहीं आती जो इंसान किसी की खूबियों से या किसी की कामयाबी से जलता हो तो वो इंसान अपनी जिंदगी में कभी कुछ कर ही नहीं पाता है क्योंकि उसे खुद में खूबियां और दूसरों में खामियां नज़र आती है बड़ा गुरूर होता है उसे खुद पर लेकिन ज़िंदगी को भी तो आईना दिखना है ना उसको उसका।  की असल में सामने वाला नहीं बल्कि वही सबसे ज्यादा खामियां से भरा है जो दूसरों की खूबियों ...